समकालीन चित्रकार शिवानी का कहना है 'मूर्त संकेत जो मेरे चित्र में हैं, अमूर्त-सी कहानी कहते हैं'। कुछ पेंटिंग्स के ज़रिये इस कलाकार के मन की बात...
चित्रकार शिवानी कहती हैं पीले/बसंती रंग की प्रमुखता इसमें इसीलिए है ताकि अंतर्मन की शांति और उत्फुलन को चित्रित किया जा सके।
दो सहेलियां। चिड़िया स्वतंत्रता का प्रतीक है। कश्ती जीवन के सुंदर समय का। शिवानी का कहना है कई पैटर्न के अध्ययन के बाद उन्होंने इसे उकेरा।
चाय प्रतीक है आत्मज्ञान के लिए। स्त्री को लक्ष्य करता चित्र कहता है ज़िंदगी की सुंदर तस्वीरें सुकून में हैं। बस अपनी एक चाय, अपना आसमान..
मुकुट रूप में नाव हो या लाल व गुलाबी रंग की प्रमुखता.. प्रतीक ही माध्यम हैं। स्त्री की कल्पना, स्वतंत्रता, प्रकृति, आंतरिक साहस की तस्वीर।
'उड़ान: सपनों की पतंग' या 'कटकर फिर उड़ना', दो शीर्षक शिवानी ने इस पेंटिंग के लिए चुने हैं। इसी कॉन्सेप्ट के अनुरूप वॉर्म कलर्स का संयोजन किया है।