पद्म पुरस्कार

30 पद्म पुरस्कार साहित्य व शिक्षा के लिए

भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे महत्वपूर्ण नागरिक सम्मानों में शुमार हैं पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री। 2025 के पद्म पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में 27 मई को प्रदान किये गये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 139 पद्म पुरस्कार प्रदान किये और इनमें से 30 पुरस्कार साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र के लिए सौंपे गये।

कला, विज्ञान, लोकसेवा, अध्यात्म आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए भी पद्म पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में एक एमटी वासुदेवन नायर को मरणोपरांत पद्मविभूषण प्रदान किया गया। इस श्रेणी में ए सूर्यप्रकाश, बिबेक देबरॉय और रामबहादुर राय को पद्मभूषण प्रदान किये गये। इनके अलावा 26 व्यक्तित्वों को पद्मश्री से नवाज़ा गया।

आपको यह भी बता दें कि पद्म पुरस्कारों के लिए हर बार एक समिति बनती है और उसकी ही अनुशंसा से पुरस्कार तय किये जाते हैं। यह समिति प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित होती है, जिसमें कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और चार से छह अन्य प्रतिष्ठित सदस्य होते हैं। जब यह समिति अपनी अनुशंसाएं निर्धारित कर लेती है, तब यह सूची प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अंतिम अनुमोदन के लिए जाती है।

ब्राज़ील के आचार्य मज़ेटी को पद्मश्री

इस बार के पद्म पुरस्कारों में बहुत दिलचस्प विजेता रहे आचार्य जोनस मज़ेटी, जिन्हें ब्राज़ील में वेदांत और भगवद्गीता के प्रचार के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। आचार्य मज़ेटी की वेदांत की शिक्षा और शिक्षा केंद्र से संबंधित एक वेबसाइट भी है। उन्होंने भारतीय अध्यात्म एवं दर्शन की शिक्षा भारत के कोयंबटूर में स्वामी दयानंद के सान्निध्य में ग्रहण की। वह एक सफल उद्यमी थे लेकिन शांति की खोज उन्हें इस शिक्षा तक ले आयी। उनके बारे में अन्य कई जानकारियां इन दिनों इंटरनेट पर तमाम वेबसाइटों पर आप पढ़ सकते हैं।

ब्राज़ील के आचार्य मज़ेटी को पद्मश्री

उल्लेखनीय बात यह है कि जब जी20 सम्मेलन के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राज़ील गये थे तब उन्हें मज़ेटी के इस काम के बारे में पता चला था। मोदी यह जानकर प्रफुल्लित थे कि एक विदेशी विदेश में भारतीय संस्कृति के प्रचार के लिए सेवाएं दे रहा है। मोदी ने मन की बात के एक एपिसोड में मज़ेटी का ज़िक्र भी किया था, तब भी वह हिन्दी पट्टी के मीडिया की सुर्ख़ियों में आये थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *