- July 14, 2025
- आब-ओ-हवा
- 0
आब-ओ-हवा – अंक - 31
भाषाओं के साथ ही साहित्य, कला और परिवेश के बीच पुल बनाने की इस कड़ी में विशेष तौर से पढ़िए मशहूर और मक़बूल कवि गोपालदास नीरज के साथ एक ख़ास बातचीत, जिसमें उन्होंने ग़ज़ल को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही हैं। ‘हम बोलेंगे’ के बहाने अपनी दुनिया और अपने माहौल का एक जायज़ा है तो जंग के बीच खड़ी दुनिया में बच्चों के साहित्य को तह दर तह समझने के लिए एक टिप्पणी भी। साहित्य, कला, शिक्षा आदि से संबद्ध सभी नियमित ब्लॉग अपने तेवर और वैचारिक उष्मा के साथ हैं ही। इस बार से पीडीएफ़ संस्करण का रूप बदला है, संपादकीय में इसका पूरा ब्योरा।
फ़न की बात
दुष्यंत कुमार से बहुत आगे निकल चुकी ग़ज़ल : (जन्मशताब्दी और पुण्यतिथि के अवसर पर लोकप्रिय कवि नीरज की याद के रूप में उनका एक चर्चित साक्षात्कार)
मुआयना
ब्लॉग : हम बोलेंगे (संपादकीय)
पुल बनाने का वक़्त : भवेश दिलशाद
ब्लॉग : तख़्ती
हिंदी पर हंगामा : आलोक कुमार मिश्रा
ग़ज़ल रंग
ब्लॉग : शेरगोई
मात्राभार गणना : एक मनोरंजक विधि : विजय स्वर्णकार
ब्लॉग : गूंजती आवाज़ें
ख़्वाब, हक़ीक़त और साग़र सिद्दीक़ी : सलीम सरमद
गुनगुनाहट
ब्लॉग : समकाल का गीत विमर्श
जड़ ब्राह्मणवाद से ग्रसित साहित्य समाज : राजा अवस्थी
ब्लॉग : तरक़्क़ीपसंद तहरीक़ कहकशां
‘आख़िरी गीत मुहब्बत का…’ शायराना नग़मों का राजा : जाहिद ख़ान
किताब कौतुक
ब्लॉग : क़िस्सागोई
जद्दोजहद, पुनर्वास, विस्थापन… आज के समाज का उपन्यास : नमिता सिंह
ब्लॉग : उर्दू के शाहकार
अपने वक़्त में ही कल्ट बन गयी थी यह इश्किया मसनवी : डॉ. आज़म
सदरंग
ब्लॉग : उड़ जाएगा हंस अकेला
‘चंदा से होगा वो प्यारा’ गाने में लता के साथ किसकी आवाज़ है? : विवेक सावरीकर ‘मृदुल’
ब्लॉग : तह-दर-तह (विश्व साहित्य)
युद्धग्रस्त हम और बच्चों की कहानियां : निशांत कौशिक
ब्लॉग : कला चर्चा
ग्राफ़िक चित्रकार संगीता पाठक का भाव-विश्व : प्रीति निगोसकर
ब्लॉग : कुछ फ़िल्म कुछ इल्म
‘दिलीप-देव-राज कपूर उसके सामने थे ही क्या!’ : मिथलेश रॉय
