
डॉ. मोहन नागर: फिर तेरी कहानी याद आयी…
1 अगस्त 1972 को जन्मे और 11 जून 2021 को फ़ानी दुनिया को अलविदा कह गये डॉ. मोहन नागर अपनी कविताई एवं लेखन से हमारे बीच बने हुए हैं। उनकी याद के दिन पर आब-ओ-हवा के लिए कवि, चित्रकार एवं कलाकार रोहित रूसिया ने ये कविता पोस्टर ख़ास तौर से उपलब्ध करवाये हैं। इनमें शब्द डॉ. मोहन नागर के हैं और चित्रांकन रोहित रूसिया का।





डॉ मोहन नागर सदैव स्मृति में रहेंगे ।उनके कवित्व और व्यक्तिव में एक सच्चे इंसान की छवि थी,सच को निर्भयता से कहने और स्वीकार करने का ताप था उनमें।
उन्हें इतनी जल्दी नहीं जाना था
नमन भाई जी
निशब्द, बस इतना ही।