Edition 30
  • June 30, 2025
  • आब-ओ-हवा
  • 2
Edition 30

आब-ओ-हवा – अंक - 30

भाषाओं के साथ ही साहित्य, कला और परिवेश के बीच पुल बनाने की इस कड़ी में विशेष तौर से पढ़िए हिंदी साहित्य पट्टी के हालिया चर्चित विवाद, ‘राइटर्स रेज़ीडेन्सी’ की पूरी पड़ताल कि इस घटनाक्रम में कौन से प्रश्न महत्वपूर्ण हैं। संविधान की प्रस्तावना में ‘सेक्युलर’ शब्द को लेकर एक विचार इस कड़ी में, तो दुनिया के प्रसिद्ध लेखक दॉस्तोएव्स्की की एक चर्चित किताब के बहाने साहित्य की कुछ बातचीत। विशेष बातचीत के अंतर्गत इस बार हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग के गीतकार पंडित भरत व्यास का एक पुराना किंतु प्रासंगिक साक्षात्कार। साहित्य, कला, शिक्षा आदि से संबद्ध सभी नियमित ब्लॉग अपने तेवर और वैचारिक उष्मा के साथ हैं ही।

फ़्रंट स्टोरी

ब्लॉग : तह-दर-तह (विश्व साहित्य)
दॉस्तोएव्स्की के बहाने : निशांत कौशिक

मुआयना

ब्लॉग : हम बोलेंगे (संपादकीय)
शब्दों की लाश पर वबाल क्यों? : भवेश दिलशाद: 

ब्लॉग : तख़्ती
शिक्षा नीति को समझें : आलोक कुमार मिश्रा

ग़ज़ल रंग

ब्लॉग : शेरगोई
तरह : तरह-तरह से : विजय स्वर्णकार

ब्लॉग : गूंजती आवाज़ें
अपनी बेवतनी से तबाह बूढ़ा दरवेश-ज़िया फ़ारुक़ी : सलीम सरमद

फ़न की बात

पुराने नहीं पड़ते.. भरत व्यास के शब्द : (प्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार पं. भरत व्यास का एक प्रासंगिक साक्षात्कार)

गुनगुनाहट

ब्लॉग : समकाल का गीत विमर्श
कविता, लोकप्रियता और ब्राह्मणवाद-2 : राजा अवस्थी

ब्लॉग : तरक़्क़ीपसंद तहरीक़ कहकशां
“मैं तो दरिया हूं, समंदर में उतर जाऊंगा” : जाहिद ख़ान

किताब कौतुक

ब्लॉग : क़िस्सागोई
स्त्री-पराधीनता का प्रामाणिक दस्तावेज़ : नमिता सिंह

ब्लॉग : उर्दू के शाहकार
पतनशील लखनऊ का कष्ट-काव्य : डॉ. आज़म

सदरंग

ब्लॉग : उड़ जाएगा हंस अकेला
दिलीप कुमार: आवाज़ का जादू : विवेक सावरीकर ‘मृदुल’

ब्लॉग : कला चर्चा
कविता-कहानी कहती कलाकृतियां : प्रीति निगोसकर

ब्लॉग : कुछ फ़िल्म कुछ इल्म
मुहब्बत कर लो जी, कर लो अजी किसने रोका है : मिथलेश रॉय

कृष्ण कल्पित की ‘पुरानी धारा’ की नयी करतूत : आब-ओ-हवा

2 comments on “अंक – 30

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