4PM के बाद द वायर ब्लॉक

4PM के बाद द वायर ब्लॉक

एक तरफ़ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सारा दिन समाचार चैनलों/अन्य प्रकाशनों पर लगातार कवरेज जारी है तो दूसरी तरफ़ कुछ समाचार/ओपिनियन हैंडलों आदि पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का दौर भी चल रहा है। समाचार समूह ‘द वायर’ ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 मई को उसकी वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। राफ़ेल जेट पर प्रकाशित एक कहानी के बारे में मिली शिकायत के जवाब में तकनीकी सीमाओं को इस कार्यवाही का कारण बताया गया। इस महीने इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं जब लोकप्रिय चैनलों या यूट्यूबरों/सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसरों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गयी।

द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने केंद्र की कार्रवाई के बाद एक पत्र जारी करते हुए कहा, “यह प्रेस की स्वतंत्रता पर असंवैधानिक हमला है।” हालांकि वायर की वेबसाइट को 10 मई को अनब्लॉक ज़रूर किया गया लेकिन समाचार समूह ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में और अनेक नेटवर्कों में उसकी वेबसाइट खुलने में समस्या हो रही है और उसके पाठक वेबसाइट एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं।

पहले 4 पीएम हुआ बंद

“हमारा नेशनल चैनल 4 PM सरकार ने बंद करवा दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर लोकतंत्र की एक मज़बूत आवाज़ को कुचलने की कोशिश की गयी है। मैं देश से उतना ही नहीं, उससे कहीं ज़्यादा प्यार करता हूं, जितना यह सरकार दावा करती है। अगर किसी वीडियो पर सरकार को आपत्ति थी, तो एक मेल भेजकर बताया जा सकता था। मैं ख़ुद जांचता और अगर ग़लती होती, तो उसे हटा देता। लेकिन सच यह है कि मोदी देश नहीं हैं, सरकार से सवाल पूछना गुनाह नहीं है। लोकतंत्र में आवाज़ उठाना हमारा अधिकार है। तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं हम। हम 4 PM UP और बाक़ी सभी 4 PM राज्य चैनलों पर अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे। आपसे अनुरोध है उन चैनलों को सब्स-क्राइब करें और हमारा साथ दें। चैनल बंद हो सकता है, पर हमारी आवाज़ नहीं।” यह सूचना 29 अप्रैल को 4 पीएम चैनल के प्रमुख संजय शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी, जिस पर अनेक पत्रकारों ने सरकार के इस क़दम को इरादतन दमन बताया।

अन्य ख़बरें ये भी कि उप्र पुलिस ने लोकगायिका नेहा सिंह राठौर और एक्टिविस्ट व प्रोफ़ेसर मद्री काकोटी उर्फ़ डॉ. मेडूसा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की। वजह बताते हैं दोनों ने यूट्यूब वीडियो में केंद्र से प्रश्न पूछे। कुछ ही पहले ये भी सूचनाएं थीं कि बीबीसी की रिपोर्टिंग पर भी केंद्र सरकार निगरानी कर रही है।

— आब-ओ-हवा डेस्क

 

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