
- October 30, 2025
- आब-ओ-हवा
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आब-ओ-हवा – अंक - 38
भाषाओं के साथ ही साहित्य, कला और परिवेश के बीच पुल बनाने की इस कड़ी में उन कलाकारों पर चर्चा, जो इस माह हमें छोड़ गये। बीते कुछ समय से लगातार चिंता में बने हुए हिमालय के संकट पर वैचारिकी। सेहत के मूलभूत विचारों को केंद्र में रखता एक नया ब्लॉग और ‘समकाल का गीत विमर्श’ ब्लॉग अब एक नये स्वरूप में, नये नाम के साथ। साहित्य, कला, शिक्षा आदि से संबद्ध नियमित ब्लॉग्स अपने तेवर और मिज़ाज के साथ हैं ही। कुछ पुरखे कवियों की याद, ग़ज़ल की क्लास भी, किताबों की चर्चाएं भी, कुछ फ़िल्मी यादें और कुछ और भी…
प्रसंगवश
विकास अवधारणा, बिजली परियोजनाएं और संकट में हिमालय : विवेक रंजन
विज्ञापन का महानायक: पीयूष पाण्डे : प्रो. पवित्र श्रीवास्तव
मुआयना
ब्लॉग : हम बोलेंगे (संपादकीय)
150 करोड़ दीये जलाने का रिकॉर्ड बन पाएगा? : भवेश दिलशाद
ब्लॉग : Truth in हेल्थ
आधुनिक चिकित्सा पद्धति: एक अर्धसत्य क्यों है? : डॉ. आलोक त्रिपाठी
ब्लॉग : तख़्ती
जेंडर तटस्थ स्कूली पोशाक और समावेशी समझ : आलोक कुमार मिश्रा
गुनगुनाहट
ब्लॉग : पोइट्री थेरेपी
युद्ध और हिटलर के यातनाघर से उपजती कविता : रति सक्सेना
ब्लॉग : हमारे समकालीन कवि
अगाध राग से भरी नवगीत कवयित्री डॉ. शांति सुमन : राजा अवस्थी
ब्लॉग : गूंजती आवाज़ें
हस्बे-हाल, सुख़न और उबैदुल्लाह अलीम : सलीम सरमद
ब्लॉग : तरक़्क़ीपसंद तहरीक की कहकशां
अख़्तरुल ईमान: उर्दू अदब में जदीद नज़्मों की इब्तिदा : जाहिद ख़ान
ग़ज़ल रंग
ब्लॉग : शेरगोई
क़ाफ़िया कैसे बांधें : भाग-3 : विजय स्वर्णकार
ब्लॉग : ग़ज़ल: लौ और धुआं
ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ : आशीष दशोत्तर
किताब कौतुक
ब्लॉग : क़िस्सागोई
मैं कौन हूँ! पुराना सवाल नये ढंग से पूछता ‘काकुलम’ : नमिता सिंह
ब्लॉग : उर्दू के शाहकार
आज भी मिसाल है यह 200 साल पुरानी किताब : डॉ. आज़म
सदरंग
ब्लॉग : उड़ जाएगा हंस अकेला
लोकरंग की चाशनी में एस.एन. त्रिपाठी की अमर धुन : विवेक सावरीकर ‘मृदुल’
ब्लॉग : पक्का चिट्ठा
व्यंग्य: इक्कीसवीं सदी के अछूते विषय : अरुण अर्णव खरे
ब्लॉग : कला चर्चा
कैनवास पर छाप छोड़ने को बेताब भावना : प्रीति निगोसकर
ब्लॉ : कुछ फ़िल्म कुछ इल्म
मखमली आवाज़ से जादू करने आया फ़नकार: तलत महमूद : मिथलेश रॉय

यह बुद्धिजीवियों के साथ जुड़ने का एक अच्छा मंच है, और मैं इससे जुड़ा रहना पसंद करूंगा।