ग़ज़ल तब कितने जुमले हैं कि जो रू-पोश हैं यारों के बीचहम भी मुजरिम की तरह ख़ामोश हैं यारों के बीच क्या कहें किसने बहारों को ख़िज़ाँ-सामाँ कियादेखने में...
डिप्टी नज़ीर अहमद का तौबतुन्नसूह “मुझको तुम्हारे माँ-बाप होने से इनकार नहीं। गुफ़्तगू इस बात में है कि तुमको मेरे अफ़आल में ज़बरदस्ती दख़ल देने का इख़्तियार है...
भाषा : राजनीति, लोक और एआई युग के मुद्दे भारत के पीपल्स लिंंग्विस्टिक सर्वे के माध्यम से 780 भाषाओं का दस्तावेज़ीकरण करने वाले गणेश नारायणदास देवी सांस्कृतिक कार्यकर्ता, साहित्य...