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संकलन : देवदत्त संगेप....

शायरी में यार-दोस्त-अहबाब

ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होता
मिर्ज़ा ग़ालिब

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अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर
चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
अहमद फ़राज़

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दोस्तों से बेरुख़ी अच्छी नहीं होती ‘अमन’
दूरियां ज़िंदा रहीं तो दोस्ती मर जाएगी
अमन चाँदपुरी

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दोस्ती पुर-ख़ुलूस रिश्ता है
दोस्त के दोस्त भी निभाते हैं
आशु शर्मा

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मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
बशीर बद्र

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मतलबी दोस्त अच्छा रहता है
ये कभी बे-वफ़ा नहीं होता
फ़हमी बदायूंनी

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जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्ती में कोई एहसान नहीं होता
गुलज़ार

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हमको यारों ने याद भी न रखा
‘जौन’ यारों के यार थे हम तो
जौन एलिया

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दोस्ती की तू इसे शर्त समझ लेना दोस्त
मैं ग़लत हूँ तो मेरे मुंह पे ही कह देना दोस्त
नवीन जोशी ‘नवा’

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वो है बे-वफ़ा तो वफ़ा करो जो असर न हो तो दुआ करो
जिसे चाहो उसको बुरा कहो ये तो दोस्ती के ख़िलाफ़ है
डॉ. नवाज़ देवबंदी

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तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले
तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले
कैफ़ भोपाली

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दोस्तों पर यक़ीन कर लिया है
दिल को इक आस्तीन कर लिया है
राजेश रेड्डी

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दोस्ती जब किसी से की जाये
दुश्मनों की भी राय ली जाये
राहत इंदौरी

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माना कि दोस्तों को नहीं दोस्ती का पास
लेकिन ये क्या कि ग़ैर का एहसान लीजिए
शहरयार

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जान पहचान से दोस्ती तक गया
एक रिश्ता नई रौशनी तक गया
शमीम हयात

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ज़िक्र मेरा आएगा महफ़िल में जब जब दोस्तो
रो पड़ेंगे याद करके यार सब यारी मिरी
सदा अम्बालवी

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उन्हीं के हाथ में ख़ंजर रहे हैं
जो दावा दोस्ती का कर रहे हैं
शालिनी श्रीवास्तव शालु

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दूर से हौसला देते हैं जो अहबाब मेरे
साथ होते हैं मगर साथ नहीं चल सकते
उवैस गिराच

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उसी पे नज़्म लिखी उसको ही सुना न सके
हम अपने दोस्त की बर्दाश्त आज़मा न सके
भवेश दिलशाद

देवदत्त संगेप, devdutta sangep

देवदत्त संगेप

बैंक अधिकारी के रूप में भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त। शायरी के प्रति ख़ास लगाव। उर्दू, हिन्दी और मराठी ग़ज़लों में गहरी दिलचस्पी। मिज़ाह शायरी करने के भी शौक़ीन और चुनिंदा शेरों और ग़ज़लों के संकलनकर्ता के रूप में पहचान।

4 comments on “शायरी में यार-दोस्त-अहबाब

  1. बहुत उम्दा शेर है सभी ,किसी एक को अच्छा कहें तो क्यों कहें …सभी में दोस्ती का अहसास है।

  2. बहुत खूब संकलन देवदत्त जी.

    दोस्ती के दिन के लिए इन चुनिंदा शेरों को हमें पढ़ने का मौका दिया.

    शुक्रिया

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