July 2, 2025 आब-ओ-हवा काव्य ग़ज़ल तब ग़ज़ल तब रह-रवी है न रहनुमाई है आज दौर-ए-शिकस्ता-पाई है अक़्ल ले आयी ज़िंदगी को कहाँ इश्क़-ए-नादाँ तिरी दुहाई है है उफ़ुक़-दर-उफ़ुक़ रह-ए-हस्ती हर रसाई में ना-रसाई है हो... Continue Reading
July 2, 2025 आब-ओ-हवा इत्यादि सैर कर ग़ाफ़िल…: एक कलाकार की यूरोप डायरी-5 (शब्द और रंग, दोनों दुनियाओं में बेहतरीन दख़ल रखने वाली प्रवेश सोनी हाल ही, क़रीब महीने भर की यूरोप यात्रा से लौटी हैं। कवि और कलाकार की नज़र से,... Continue Reading
July 1, 2025 आब-ओ-हवा इत्यादि पूर्वपाठ… एक कवि की डायरी- भाग-2 पूर्वपाठ — एक कवि की डायरी : भाग-2 पढ़ना और गढ़ना 1 जनवरी, 2014 पढ़ने और गढ़ने में ज़मीन-आसमान का अंतर... Continue Reading