भाषा : राजनीति, लोक और एआई युग के मुद्दे भारत के पीपल्स लिंंग्विस्टिक सर्वे के माध्यम से 780 भाषाओं का दस्तावेज़ीकरण करने वाले गणेश नारायणदास देवी सांस्कृतिक कार्यकर्ता, साहित्य...
कथारस के साथ काव्य की संवेदना ‘पीले फूल कनेर के’ शशि खरे का बेहद आश्वस्त करने वाला और शिल्पायन प्रकाशन से छपा पहला कहानी-संग्रह है। मैं उनकी कहानियों...
सूचना-मुक्त होते हुए हम भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर संघर्ष हुआ, फिर जंगबंदी हो गयी। जंग के हिमायती एक बहुत बड़े जनसमूह ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखाएं भी पार कर...
‘मेड इन इंडिया’ नहीं… ‘मेड बाय इंडिया’ की दरकार पहलगाम के क्रूर आतंकी हमले के बाद हमारी सेना ने जिस तरह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, उस...