वित्तीय सहयोग
कला, साहित्य, संस्कृति के मूल्यों एवं समाज की महत्वपूर्ण चिंतनाओं की ओर उन्मुख पत्रकारिता जिस समय में क्षीण होती जा रही है, तब आब-ओ-हवा पूर्णरूप से ग़ैर-अनुदान प्राप्त (सरकारी अथवा ग़ैर-सरकारी) एवं निष्पक्ष, ईमानदार रचनात्मक प्रयास है। एक वर्ष तक इस प्रयास को बग़ैर वित्तीय सहयोग के नितांत निजी स्तर से संचालित किया गया, जिसके लिए 'घर फूंक तमाशा देख' वाली कहावत का सामना भी समय-समय पर हुआ। बहरहाल, यह तर्क और वरिष्ठों का यह मार्गदर्शन उचित प्रतीत होता है कि एक सार्थक प्रयास को निरंतर रखना भी बड़ी ज़िम्मेदारी है।
बुलन्द ख़ुद को बनाये रखना है कामयाबी
उतर के भाटे पे ज्वार आया तो मैंने समझा
इस श्रमसाध्य एवं खर्चीली किंतु रचनात्मक कोशिश के लिए जो वित्तीय संबल ज़रूरी है, उसकी अपेक्षा हमें अपने पाठकों से ही है। साहित्य, कला और पत्रकारिता की दुनिया के प्रतिष्ठित हस्ताक्षरों ने इस प्रयास को सराहा है। 'हम' पेज पर क्लिक कर आप हमारे उद्देश्यों एवं नीयत के बारे में अधिक जान सकते हैं। हमें यह घोषित करते हुए कोई संकोच नहीं है कि आब-ओ-हवा के पीछे न तो किसी संगठन विशेष की ऊर्जा है और न ही किसी तरह की कोई संस्थागत फ़ंडिंग। चूंकि हम किसी 'थिंकटैंक' द्वारा प्रायोजित पत्र नहीं हैं इसलिए मुखरता और दृष्टिकोण को लेकर हम पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है।
आब-ओ-हवा को लंबे समय तक प्राणवायु मिलती रहे, इसके लिए एक आर्थिक आधार की आवश्यकता है। आप इस उद्देश्य के लिए यथोचित राशि (न्यूनतम 100 रुपये) भेजकर सहयोग कर सकते हैं।
डिजिटल भुगतान हेतु नंबर — 9560092330 (भवेश)
डिजिटल भुगतान हेतु यूपीआई आईडी — bhavesh.dilshaad@okicici
डिजिटल भुगतान हेतु क्यूआर कोड

(भुगतान की स्थिति में उपर्युक्त नंबर पर सूचित कर अनुग्रहीत करें)
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
- Click to share on X (Opens in new window) X
- Click to share on Reddit (Opens in new window) Reddit
- Click to share on Pinterest (Opens in new window) Pinterest
- Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
- Click to share on Bluesky (Opens in new window) Bluesky