कविता-कहानी कहती कलाकृतियां

कविता-कहानी कहती कलाकृतियां               वाराणसी में एक निजी स्टूडियो है, ‘आकार’, जहां एक कलाकार चित्र और शिल्प रचने में अक्सर व्यस्त देखी जाती...

अपनी बेवतनी से तबाह बूढ़ा दरवेश – ज़िया फ़ारुक़ी

अपनी बेवतनी से तबाह बूढ़ा दरवेश – ज़िया फ़ारुक़ी               एमएचके इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी में किताबों के दरमियान बैठे हुए बूढ़े दरवेश की...

तरह : तरह-तरह से

तरह : तरह-तरह से ग़ज़ल कड़े अनुशासन की पक्षधर है। यहाँ ज़रा-सी कमी होने पर गाड़ी पटरी से उतर जाती है। सबसे बड़ी चुनौती है छंद के अनुपालन की।...

उमराव जान अदा: पतनशील लखनऊ का कष्ट-काव्य

उमराव जान अदा: पतनशील लखनऊ का कष्ट-काव्य               “उमराव जान अदा” एक मशहूर नॉवल है। पहली बार 1899 में प्रकाशित हुआ था। कुछ...

कृष्ण कल्पित की ‘पुरानी धारा’ की नयी करतूत

कृष्ण कल्पित की ‘पुरानी धारा’ की नयी करतूत                साहित्य जगत का मी टू (#MeToo) कांड कहिए या बिग बॉस, लेकिन प्रतिक्रियाओं और...

सेक्युलर, समाजवाद… शब्दों की लाश पर वबाल क्यों?

सेक्युलर, समाजवाद… शब्दों की लाश पर वबाल क्यों?               असल बात नीयत की है। जब संविधान बन रहा था, तब जवाहरलाल नेहरू और...

दॉस्तोएव्स्की के बहाने

दॉस्तोएव्स्की के बहाने           इन दिनों दॉस्तोएव्स्की फिर चर्चा में हैं। उनकी लघुकथा ‘व्हाइट नाइट्स’ ज़ोरों से पढ़ी जा रही है। पिछले सवा-सौ बरसों में दॉस्तोएव्स्की की उपस्थिति हमारे...

शिक्षा नीति को समझें

शिक्षा नीति को समझें            औपचारिक शिक्षा व्यवस्था की पूरी इमारत खड़ी ही इस आधार पर है कि वह नयी पीढ़ी में बदलते समय के अनुकूल क्षमताओं या क़ाबिलियत...