September 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर नियमित ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर रहगुज़र बेशक हर वक़्त तैयार रहती है... Continue Reading
September 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक शाइरी अब रवायती मौज़ूआत से अलहदा राहों... Continue Reading