November 14, 2025 आब-ओ-हवा गूंजती आवाज़ें किताब, जादू और डॉ. स्वामी श्यामानंद सरस्वती ‘रौशन’ पाक्षिक ब्लॉग सलीम सरमद की कलम से…. किताब, जादू और डॉ. स्वामी श्यामानंद सरस्वती ‘रौशन’ मेरे बाएं हाथ में डॉ. स्वामी श्यामानंद सरस्वती... Continue Reading
November 14, 2025 आब-ओ-हवा शेरगोई एक दरख़्त के साये में 50 वर्ष पाक्षिक ब्लॉग विजय कुमार स्वर्णकार की कलम से…. एक दरख़्त के साये में 50 वर्ष आधुनिक हिन्दी ग़ज़ल की गंगा के भागीरथ दुष्यंत... Continue Reading
October 15, 2025 आब-ओ-हवा काव्य हिन्दी-उर्दू शायरी में ‘चराग़’ शम्अ, दीया और दीपक शब्द भी शायरी में बख़ूबी बरते जाते रहे हैं लेकिन हमने इस दीवाली के मौक़े पर चुना है लफ़्ज़ ‘चराग़’ या चिराग़। इस लफ़्ज़ को... Continue Reading
September 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर नियमित ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर रहगुज़र बेशक हर वक़्त तैयार रहती है... Continue Reading
September 27, 2025 आब-ओ-हवा काव्य इंद्रधनुष-3 : द्विजेंद्र द्विज इंद्रधनुष-3 : द्विजेंद्र द्विज (ग़ज़लिया शायरी में जो ‘हिंदी ग़ज़ल’ धारा बह रही है, उसके प्रमुख समकालीन रचनाकारों में द्विजेंद्र द्विज का नाम शामिल है। हिंदी के साथ... Continue Reading
September 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक शाइरी अब रवायती मौज़ूआत से अलहदा राहों... Continue Reading
September 14, 2025 आब-ओ-हवा काव्य ग़ज़ल तब : महेश अनघ संदर्भ : 14 सितंबर 1947, महेश अनघ की जयंती ग़ज़ल तब : महेश अनघ 1 मुस्कानों का आना जाना पल दो चार रहा एक पुराना छाला दिल पर पहरेदार... Continue Reading