गीत अब जगदीश पंकज
गीत अब जगदीश पंकज ख़बरें, बरस रहीं धरती परआसमान बोझिल-बोझिल हैजाने-पहचाने चेहरों परकुछ भी कह पाना मुश्किल है कानाफूसी में उलझी हैंइतनी आदमक़द अफ़वाहेंचलती-फिरती दीख रही हैंदीवारों की कुटिल...