अकेला होना और अकेलापन

अकेला होना और अकेलापन             कैंसर डायरी            जुलाई-अगस्त 2021 अकेला होना और अकेलापन, दोनों भिन्न-भिन्न स्थितियां हैं, अकेले होते...

बाइपोलर

मानसिक बीमारियां कई तरह की होती हैं- अवसाद, मेनिया, बाइपोलर, पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, स्प्लिट पर्सनैलिटी.. जैसी। हमारे देश में शहरों को छोड़ दिया जाये तो इसे बीमारी के रूप में...

सैर कर ग़ाफ़िल…: एक कलाकार की यूरोप डायरी-7

(शब्द और रंग, दोनों दुनियाओं में बेहतरीन दख़ल रखने वाली प्रवेश सोनी हाल ही, क़रीब महीने भर की यूरोप यात्रा से लौटी हैं। कवि और कलाकार की नज़र से,...

‘आख़िरी गीत मुहब्बत का…’ शायराना नग़मों का राजा

‘आख़िरी गीत मुहब्बत का…’ शायराना नग़मों का राजा              फ़िल्मी दुनिया में शकील बदायूंनी, मजरूह सुल्तानपुरी, हसरत जयपुरी, साहिर लुधियानवी और कैफ़ी आज़मी जैसे...

‘दिलीप-देव-राज कपूर उसके सामने थे ही क्या!’

‘दिलीप-देव-राज कपूर उसके सामने थे ही क्या!’               सरदार दिलीप सिंह उर्फ दलीप सिंह आज मुझसे नाराज़ हैं। उन्होंने बोलना शुरू किया ‘मैं...

‘चंदा से होगा वो प्यारा’, गाने में लता के साथ किसकी आवाज़ है?

‘चंदा से होगा वो प्यारा’, गाने में लता के साथ किसकी आवाज़ है?              वर्ष 1964 में मीना कुमारी और धर्मेंद्र अभिनीत फ़िल्म आयी...

ख़्वाब, हक़ीक़त और साग़र सिद्दीक़ी

ख़्वाब, हक़ीक़त और साग़र सिद्दीक़ी             ‘साग़र सिद्दीक़ी पागलों-सा गर्मी की दुपहरी में भी तन पर काला कंबल डाले एक फुटपाथ पर बैठा रहता...

जड़ ब्राह्मणवाद से ग्रसित साहित्य समाज

जड़ ब्राह्मणवाद से ग्रसित साहित्य समाज               साहित्य बड़ी ऊँची चीज़ है। साहित्य किसी आदमी के साहित्यकार बनते ही उसे भी ऊँची चीज़...

अपने वक़्त में ही कल्ट बन गयी थी यह इश्किया मसनवी

अपने वक़्त में ही कल्ट बन गयी थी यह इश्किया मसनवी               “शौक़ का अस्ल काम दरअस्ल ये है कि उन्होंने लखनवी क़िस्सागोई...

दुष्यंत कुमार से बहुत ​आगे निकल चुकी आज की ग़ज़ल: नीरज

दुष्यंत कुमार से बहुत ​आगे निकल चुकी आज की ग़ज़ल: नीरज                 4 जनवरी 1925 को जन्मे गोपालदास नीरज परिचय के मोहताज...