जड़ ब्राह्मणवाद से ग्रसित साहित्य समाज

जड़ ब्राह्मणवाद से ग्रसित साहित्य समाज               साहित्य बड़ी ऊँची चीज़ है। साहित्य किसी आदमी के साहित्यकार बनते ही उसे भी ऊँची चीज़...

कविता, लोकप्रियता और ब्राह्मणवाद-2

कविता, लोकप्रियता और ब्राह्मणवाद-2 …पिछले अंक से जारी             पिछले सत्तर साल से जिसे कविता कहा जा रहा है, उसकी उपस्थिति समाज में शून्य है। और विनोद कुमार शुक्ल...

कविता, लोकप्रियता और ब्राह्मणवाद-1

कविता, लोकप्रियता और ब्राह्मणवाद-1                हिन्दी गद्य कविता के बड़े कवि, उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल कभी चर्चा में थे, किन्तु लम्बे समय से...

लोक के बीच पहुंचने का रास्ता हो सकता है कवि सम्मेलन?

लोक के बीच पहुंचने का रास्ता हो सकता है कवि सम्मेलन? जबकि यह प्रमाणित है कि किसी भी तरह के साहित्य अथवा कला का जीवन लोक के भीतर ही...

हर कवि के लिए सबसे बड़ा प्रश्न

हर कवि के लिए सबसे बड़ा प्रश्न            मानव जाति की लाखों वर्षों की विकास-यात्रा के दौरान उसमें अड़चनों का बड़ा महत्व है। इन अड़चनों ने, चुनौतियों ने कई...

कविता में अर्थ की लय और अन्विति!

कविता में अर्थ की लय और अन्विति! पहले भी मैंने कहा है और यह लगातार पहचानना-जानना और कहा जाना चाहिए भी कि पिछली शताब्दी के मध्य से जब कविता...

नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-5

नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-5             कविता की सही पहचान पढ़ने,‌ गुनगुनाने व सुनने से ही हो पाती है, यह बात छांदस कविता और गद्य कविता दोनों...

नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-4

समकाल का गीत विमर्श नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-4 राजा अवस्थी       जबकि यह कुछ साक्ष्यों, उदाहरणों आदि के माध्यम से प्रमाणित ही नहीं, बल्कि...