कोख

कोख अंबालिका उद्विग्न थी। दासी ने उसके कान में कुछ कहा और फिर मुंह ताकने लगी। – सच कह तुझे भ्रम हुआ होगा क्या, सचमुच तूने अपने कानों से...

गुजरात समाचार का क़सूर क्या?

गुजरात समाचार का क़सूर क्या? एक बार फिर प्रेस की आज़ादी सुर्खियों में आ गयी है। यूट्यूबरों, पोर्टलों के बाद अब एक 93 साल पुराने अख़बार के ख़िलाफ़ दमनात्मक...

सितार पर राग – कैनवास पर रंग

सितार पर राग – कैनवास पर रंग ग्वालियर में एक अनूठा कला आयोजन होने से पहले ही चर्चाओं में है। सितार पर शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति होगी और जिस...

गीत अब

गीत अब हमें स्वार्थ के लिएतोड़कर ऐसा बाँटा हैऐन पसलियों बीचधँसा-सेही का काँटा है जान गये एका की ताकत,इसीलिए है तोड़ाधर्म-जाति का मुद्दा, तिस परधन का सख्त हथौड़ाचिड़ियों के...

गीत तब

गीत तब बहुत दिन से नहीं आये घरकहो अनवर क्या हुआ आ गया क्या बीच अपने भीछः दिसम्बर क्या हुआ मैं कहाँ हिन्दू, मुसलमां तू कहाँ थासच मोहब्बत के...

ग़ज़ल अब

ग़ज़ल अब आपकी चौखट से होकर जो भी दीवाना गयाशाइर-ए-आज़म हुआ दुनिया में पहचाना गया हाय वो रस्ता कि जिससे छिन गये बूढ़े दरख़्तहाय को राही जो इस पर...

ग़ज़ल तब

ग़ज़ल तब कितने जुमले हैं कि जो रू-पोश हैं यारों के बीचहम भी मुजरिम की तरह ख़ामोश हैं यारों के बीच क्या कहें किसने बहारों को ख़िज़ाँ-सामाँ कियादेखने में...

समय से परे टैगोर की संगीत रचनाएं

समय से परे टैगोर की संगीत रचनाएं           स्पॉटिफ़ाइ एल्गोरिदम और टिकटॉक ट्रेंड के युग में, असंभव लग सकता है कि एक सदी से भी पहले रचे गये संगीत...

द्वंद्व के वैभव की कथा चेखव का ‘द डुएल’

द्वंद्व के वैभव की कथा चेखव का ‘द डुएल’ एक उपन्यास मैंने कभी पढ़ा था, जिसकी शुरूआती पंक्तियों में ही यह कह दिया जाता है कि हमारा किरदार      चेखव...

तुम अपना रंजो-ग़म.. मुझे दे दो

तुम अपना रंजो-ग़म.. मुझे दे दो फ़िल्म के पर्दे पर तो नायक की भूमिका कई निभाते हैं पर असल जीवन में नायक बहुत कम लोग हो पाते हैं। प्रेम...