गुजरात समाचार का क़सूर क्या? एक बार फिर प्रेस की आज़ादी सुर्खियों में आ गयी है। यूट्यूबरों, पोर्टलों के बाद अब एक 93 साल पुराने अख़बार के ख़िलाफ़ दमनात्मक...
गीत अब हमें स्वार्थ के लिएतोड़कर ऐसा बाँटा हैऐन पसलियों बीचधँसा-सेही का काँटा है जान गये एका की ताकत,इसीलिए है तोड़ाधर्म-जाति का मुद्दा, तिस परधन का सख्त हथौड़ाचिड़ियों के...
ग़ज़ल तब कितने जुमले हैं कि जो रू-पोश हैं यारों के बीचहम भी मुजरिम की तरह ख़ामोश हैं यारों के बीच क्या कहें किसने बहारों को ख़िज़ाँ-सामाँ कियादेखने में...