डिप्टी नज़ीर अहमद का तौबतुन्नसूह

डिप्टी नज़ीर अहमद का तौबतुन्नसूह           “मुझको तुम्हारे माँ-बाप होने से इनकार नहीं। गुफ़्तगू इस बात में है कि तुमको मेरे अफ़आल में ज़बरदस्ती दख़ल देने का इख़्तियार है...

ओरिजनल ‘एक चतुर नार’ एक गीत क़िस्से बेशुमार

ओरिजनल ‘एक चतुर नार’ एक गीत क़िस्से बेशुमार          आज जैसे ही कोई गुनगुनाता है- ‘एक चतुर नार करके सिंगार’, हमारी आँखों के आगे फिल्म पड़ोसन का मज़ेदार दृश्य...

भाषा : राजनीति, लोक और एआई युग के मुद्दे

भाषा : राजनीति, लोक और एआई युग के मुद्दे भारत के पीपल्स लिंंग्विस्टिक सर्वे के माध्यम से 780 भाषाओं का दस्तावेज़ीकरण करने वाले गणेश नारायणदास देवी सांस्कृतिक कार्यकर्ता, साहित्य...

ज़ालिम को रुसवा हम भी देखेंगे

ज़ालिम को रुसवा हम भी देखेंगे         तरक़्क़ी-पसंद तहरीक के इब्तिदाई दौर का अध्ययन करें, तो यह बात सामने आती है कि तरक़्क़ी-पसंद शायर और आलोचक ग़ज़ल विधा से...

कथारस के साथ काव्य की संवेदना

कथारस के साथ काव्य की संवेदना          ‘पीले फूल कनेर के’ शशि खरे का बेहद आश्वस्त करने वाला और शिल्पायन प्रकाशन से छपा पहला कहानी-संग्रह है। मैं उनकी कहानियों...

हर कवि के लिए सबसे बड़ा प्रश्न

हर कवि के लिए सबसे बड़ा प्रश्न            मानव जाति की लाखों वर्षों की विकास-यात्रा के दौरान उसमें अड़चनों का बड़ा महत्व है। इन अड़चनों ने, चुनौतियों ने कई...

शिक्षा के सही मायने

शिक्षा के सही मायने            मोहल्ले में हमारे एक पड़ोसी की चर्चा उनकी तीन साल की बेटी की वजह से आजकल ख़ूब ज़ोरों पर है। कारण है कुछ याद...

सूचना-मुक्त होते हुए हम

सूचना-मुक्त होते हुए हम भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर संघर्ष हुआ, फिर जंगबंदी हो गयी। जंग के हिमायती एक बहुत बड़े जनसमूह ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखाएं भी पार कर...