दॉस्तोएव्स्की के बहाने इन दिनों दॉस्तोएव्स्की फिर चर्चा में हैं। उनकी लघुकथा ‘व्हाइट नाइट्स’ ज़ोरों से पढ़ी जा रही है। पिछले सवा-सौ बरसों में दॉस्तोएव्स्की की उपस्थिति हमारे...
मैं तो दरिया हूं, समंदर में उतर जाऊंगा अहमद नदीम क़ासमी एक हरफ़न-मौला अदीब थे। उनके चाहे अफ़साने देख लीजिए, चाहे गज़ल़ें-नज़्में, पंजाब के देहातों की सुंदर अक्कासी...