तुम हमसे दो हाथ आगे निकले… क़तरा-क़तरा फ़हमीदा रियाज़

भवेश दिलशाद की कलम से…. तुम हमसे दो हाथ आगे निकले… क़तरा-क़तरा फ़हमीदा रियाज़             फ़हमीदा रियाज़ की याद आती है, तो ‘क़तरा-क़तरा’ उठा...

कौन-सी विशेषता व्यंग्य को विधा बनाती है?

साहित्य के कैनवास पर व्यंग्य की दमक को अब शिनाख़्त की ज़रूरत नहीं है। फिर भी प्रश्न उभरता है कि समकाल में व्यंग्य की धार पैनी क्यों महसूस नहीं...

यह है उर्दू की ऑलटाइम बेस्टसेलर फंतासी

डॉ. आज़म की कलम से…. यह है उर्दू की ऑलटाइम बेस्टसेलर फंतासी              यह उर्दू की सर्वाधिक लोकप्रिय मसनवियों में से एक है। इस...

मात्राभार गणना: एक मनोरंजक विधि-2

विजय कुमार स्वर्णकार की कलम से…. मात्राभार गणना: एक मनोरंजक विधि-2              “वर्ड रिप्लेसमेंट मैथड” की उपयोगिता निर्विवाद है। पिछले भाग में हमने निम्नलिखित...

एक बार फिर सुधा अरोड़ा की कहानियों से गुज़रते हुए

नमिता सिंह की कलम से…. एक बार फिर सुधा अरोड़ा की कहानियों से गुज़रते हुए               हमारे समय की बेहद विशिष्ट कथाकार सुधा...

कला साधक शोभा पत्की का कला संसार

प्रीति निगोसकर की कलम से…. कला साधक शोभा पत्की का कला संसार           शोभा पत्की, पुणे (महाराष्ट्र) बेस्ड आर्टिस्ट हैं। पारम्परिक सौन्दर्य बोध को साथ...

‘दुष्यंत कुमार को समझने के लिए प्रेम करना ज़रूरी’

प्रणाम दुष्यन्त की श्रंखला-7 के तहत भोपाल के कवियों ने गाये दुष्यन्त कुमार के गीत ‘दुष्यंत को समझने के लिए प्रेम करना ज़रूरी’            ...

सैर कर ग़ाफ़िल…: एक कलाकार की यूरोप डायरी-9

(शब्द और रंग, दोनों दुनियाओं में बेहतरीन दख़ल रखने वाली प्रवेश सोनी हाल ही, क़रीब महीने भर की यूरोप यात्रा से लौटी हैं। कवि और कलाकार की नज़र से,...