लफ़्ज़, सियासत और अली सरदार जाफ़री

पाक्षिक ब्लॉग सलीम सरमद की कलम से…. लफ़्ज़, सियासत और अली सरदार जाफ़री             तरक़्क़ीपसंद शायरी का ज़िक्र आते ही उन लफ़्ज़ों की दस्तकों...

साहित्य की सकारात्मक दृष्टि

पाक्षिक ब्लॉग राजा अवस्थी की कलम से…. साहित्य की सकारात्मक दृष्टि             साहित्कार, साहित्य, दर्शन और आलोचना के लिए दृष्टि महत्वपूर्ण है। दृष्टि के...

गीत तब : कमलकांत सक्सेना

संदर्भ : 31 अगस्त, कमलकांत सक्सेना के पुण्य स्मरण का अवसर गीत तब : कमलकांत 1 दीपक जैसा जलना प्यारे जीवन जैसा गलना प्यारे पूरे जग में अंधियारा है...

सुषमा जैन – परम्परा का नया रूप

पाक्षिक ब्लॉग प्रीति निगोसकर की कलम से…. सुषमा जैन – परम्परा का नया रूप              सुषमा जैन-एक सौम्य व्यक्तित्व। व्यक्तित्व की झलक उनके चित्रों...

हम तुम और वो

पाक्षिक ब्लॉग विजय स्वर्णकार की कलम से…. हम, तुम और वो             वो आये घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है      ...

‘हंगल साहब…’ अपने ही अंदाज़ की कहानियां

पाक्षिक ब्लॉग नमिता सिंह की कलम से…. ‘हंगल साहब…’ अपने ही अंदाज़ की कहानियां             हरि मृदुल का कथा संग्रह ‘हंगल साहब ज़रा हंस...

राग विहाग में सुलक्षणा-भूपी की सुरीली बोलियां

पाक्षिक ब्लॉग विवेक सावरीकर ‘मृदुल’ की कलम से…. राग विहाग में सुलक्षणा-भूपी की सुरीली बोलियां            संगीतकार कनू रॉय ने हिंदी की चुनिंदा फ़िल्मों में...

कमलकांत जी, अनघ जी.. प्यास और अंधेरे से भिड़ंत

संदर्भ: आती हुई तिथियों पर कमलकांत सक्सेना (05.10.1948-31.08.2012) और महेश अनघ (14.09.1947-04.12.2012) को याद करने के अवसर विशेष.. पाक्षिक ब्लॉग भवेश दिलशाद की कलम से…. कमलकांत जी, अनघ जी.....