मेरे अस्तित्व की लघुता और कमलकांत सक्सेना जी

नियमित ब्लॉग सलीम सरमद की कलम से…. मेरे अस्तित्व की लघुता और कमलकांत सक्सेना जी              मैं इससे पहले किसी साहित्यकार से नहीं मिला...

व्यंग्य में फैंटेसी- प्रभावकारी व्यंजना

नियमित ब्लॉग अरुण अर्णव खरे की कलम से…. व्यंग्य में फैंटेसी- प्रभावकारी व्यंजना                  फैंटेसी-साहित्य एक सशक्त और बहुआयामी विधा है, जिसमें...

राजेश रोशन का राग पहाड़ी में संगीतबद्ध अनूठा भजन

नियमित ब्लॉग वि​वेक सावरीकर मृदुल की कलम से…. राजेश रोशन का राग पहाड़ी में संगीतबद्ध अनूठा भजन            वर्ष 1975 में राजेश रोशन के संगीत...

द्वितीय विश्वयुद्ध का कथानक और आज के संदर्भ

नियमित ब्लॉग नमिता सिंह की कलम से…. द्वितीय विश्वयुद्ध के कथानक में आज के संदर्भ                  मेरे एक मित्र ने, जो हमारे...

इतने साहित्य उत्सव..! तमाशा मेरे आगे

नियमित ब्लॉग भवेश दिलशाद की कलम से…. इतने साहित्य उत्सव..! तमाशा मेरे आगे               साहित्य उत्सव क्या बला हैं? कुछ बरस पहले की...

खिड़की में दीवार बनाने की ख़ुराफ़ात में लोग

‘मान’ सहज व रोचक अंदाज़ में उस परिदृश्य को सामने लाती है, जो इस शती के पूर्वार्द्ध तक के समाज की तस्वीर रहा है। अंत में कहानी के पारंपरिक...

धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो

नियमित ब्लॉग ज़ाहिद ख़ान की कलम से…. धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो                 निदा फ़ाज़ली उर्दू-हिन्दी ज़बान के जाने-पहचाने अदीब,...

क़ाफ़िया कैसे बांधें : भाग-1

नियमित ब्लॉग विजय कुमार स्वर्णकार की कलम से…. क़ाफ़िया कैसे बांधें : भाग-1             सही क़ाफ़िये का चयन करने में अक्सर हिंदीभाषी ग़ज़लकारों को...