सम्बन्धों के दृष्टा कवि डाॅ. ओमप्रकाश सिंह

पाक्षिक ब्लॉग राजा अवस्थी की कलम से…. सम्बन्धों के दृष्टा कवि डाॅ. ओमप्रकाश सिंह             डाॅ. ओमप्रकाश सिंह का रचना संसार विपुल है। समीक्षा-आलोचना...

आधे रह गये आपके शुक्राणु, कोई अज्ञात कारण तो नहीं!

पाक्षिक ब्लॉग डॉ. आलोक त्रिपाठी की कलम से…. आधे रह गये आपके शुक्राणु, कोई अज्ञात कारण तो नहीं!             आज के समय में जब...

क्या कहती हैं पाकिस्तान की इन लेखकों की कहानियां?

पाक्षिक ब्लॉग नमिता सिंह की कलम से…. क्या कहती हैं पाकिस्तान की इन लेखकों की कहानियां?           ‘मसरूफ़ औरत’ दो वर्ष पहले रेख़्ता पब्लिकेशन द्वारा...

एसआईआर के ख़िलाफ़ एक यह एफ़आईआर

प्रसंगवश भवेश दिलशाद की कलम से…. एसआईआर के ख़िलाफ़ एक यह एफ़आईआर              एस.आई.आर… जिसे प्रक्रिया होना चाहिए, उसे नाटक, झमेला या सिरदर्द जैसे...

लोकतंत्र, सत्तानमाज़ी नागरिक और बंधु-गीतों की याद

पाक्षिक ब्लॉग भवेश दिलशाद की कलम से…. लोकतंत्र, सत्तानमाज़ी नागरिक और बंधु-गीतों की याद            “एक आज के आगे-पीछे लगे हुए हैं दो-दो कल”… क्या...

कौतूहल, रहस्य और एकांत रचने वाली प्रीति तामोट

पाक्षिक ब्लॉग प्रीति निगोसकर की कलम से…. कौतूहल, रहस्य और एकांत रचने वाली प्रीति तामोट              सभी को पैदा होते ही एक माहौल मिलता...

गुफ़्तगू पर गुफ़्तगू: मजरूह सुल्तानपुरी के इंटरव्यू पर

गूंज बाक़ी… मजरूह सुल्तानपुरी ने पाकिस्तान में एक इंटरव्यू दिया। फिर डॉक्टर हनफ़ी ने एक लेख लिखा और खुलकर कहा कि मजरूह ने बड़बोलापन दिखाया। यह लेख माहनमा ‘शायर’...