गूंज बाक़ी… पिछली पीढ़ियों के यादगार पन्ने हर गुरुवार। पं. रतननाथ सरशार का नाम उर्दू गद्य के पुरोधाओं में लिया जाता है। उनके जीवन व सृजन पर ‘क़लंदर क़लमकार’...
(विधाओं, विषयों व भाषाओं की सीमा से परे.. मानवता के संसार की अनमोल किताब -धरोहर- को हस्तांतरित करने की पहल। जीवन को नये अर्थ, नयी दिशा, नयी सोच देने...