अच्छी शायरी ही चलती है, टिकती है

बातचीत अच्छी शायरी ही चलती है, टिकती है ‘जितनी बंटनी थी बंट चुकी ये ज़मीं/अब तो बस आसमान बाक़ी है’, ऐसे शेरों से देश व दुनिया में शिनाख़्त रखने वाले...

नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-4

समकाल का गीत विमर्श नयी सदी की चुनौतियांँ और नवगीत कविता-4 राजा अवस्थी       जबकि यह कुछ साक्ष्यों, उदाहरणों आदि के माध्यम से प्रमाणित ही नहीं, बल्कि...

ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है?

जिया सो गाया ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है? मनस्वी अपर्णा        हिंदी सिनेमा का वो आसमान… जिस पर न जाने कितने सितारे उभरे,...

आभासी दुनिया और इलियास राहत

गूंजती आवाज़ें आभासी दुनिया और इलियास राहत सलीम सरमद नसीरुद्दीन शाह के किसी इंटरव्यू में सुना था- “अगर आप थिअटर आर्टिस्ट हैं और कोई बड़ा प्लेटफ़ॉर्म नहीं मिल रहा...

थोड़ा है, थोड़े की ज़रूरत है

शेरगोई “थोड़ा है, थोड़े की ज़रूरत है” विजय कुमार स्वर्णकार  जिस तरह शे’र में भर्ती के शब्द जाने-अनजाने अपनी जगह बना लेते हैं, उसी तरह कभी-कभी कुछ ज़रूरी शब्द...

‘बोलने’ के पक्ष में शीर्ष न्यायालय, बड़े काम के बोल

तख़्तीसरोकार ‘बोलने’ के पक्ष में शीर्ष न्यायालय, बड़े काम के बोल आब-ओ-हवा प्रस्तुति “कहे या लिखित शब्दों का असर उन लोगों के मानकों से नहीं आंका जा सकता जिनमें...

बच्चे कोरे कागज़ नहीं

तख़्ती बच्चे कोरे कागज़ नहीं आलोक कुमार मिश्रा    शिक्षाविदों ने ऐसी मान्यताओं को तार्किक आधार पर सिरे से ख़ारिज किया है जो बच्चों को महज कोरा कागज़ समझती...

उर्दू, ईदी, शब्दकोष

हम बोलेंगे (संपादकीय) उर्दू, ईदी, शब्दकोष भवेश दिलशाद हम भूल हैं या दाग़ हैं उजले वरक़ नहींतारीख़ की क़सम तुम्हें दुहराओ मत हमें        अंग्रेज़ों ने रेल...

स्टैंड लीजिए, आप अपने ही देश में हैं

फ़्रंट स्टोरी स्टैंड लीजिए, आप अपने ही देश में हैं भवेश दिलशाद स्टैंडअप आर्टिस्ट कुणाल कामरा की एक पैरोडी और कटाक्ष भरे वीडियो पर महाराष्ट्र में भाजपा और पूर्व...