November 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं लकदक बाज़ार में गुमसुम किरदार पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. लकदक बाज़ार में गुमसुम किरदार फ़िक्रो-फ़न के ऐतबार से शाइरी ने नये मौज़ूआत को हर वक़्त... और पढ़े
November 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं किताबी और दुनियावी इल्म के बीच शाइरी पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. किताबी और दुनियावी इल्म के बीच शाइरी इल्म और शाइरी का क्या तअल्लुक है? इसको लेकर... और पढ़े
October 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ शाइरी किसी की ख़ुशामद नहीं करती, उंगली उठाती... और पढ़े
October 15, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं शेर और शाइरी के बीच की जगह नियमित ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. शेर और शाइरी के बीच की जगह किसी भी शेर की ख़ूबसूरती का अंदाज़ा इसी... और पढ़े
September 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर नियमित ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़माने की बात को अपनी बात बनाने का शऊर रहगुज़र बेशक हर वक़्त तैयार रहती है... और पढ़े
September 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक शाइरी अब रवायती मौज़ूआत से अलहदा राहों... और पढ़े
August 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं नयी शायरी : तकनीक के ज़ाविये में ढलने का हुनर पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. नयी शायरी : तकनीक के ज़ाविये में ढलने का हुनर शाइरी के अपने तकाज़े रहे हैं। अपने... और पढ़े
August 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं वतन की सांसों से वाबस्ता तहरीरों की शायरी आशीष दशोत्तर की कलम से…. वतन की सांसों से वाबस्ता तहरीरों की शायरी यौम-ए-आज़ादी हर दौर में शाइरी का हिस्सा रहा है। हो भी... और पढ़े
July 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ग़ज़ल: ख़ास और आम के बीच की बात आशीष दशोत्तर की कलम से…. ग़ज़ल: ख़ास और आम के बीच की बात ख़ुदा-ए-सुख़न मीर कहते हैं-शेर मेरे हैं गो ख़वास-पसंदपर मुझे... और पढ़े