तो क्या साहित्य सदा राजसत्ता का मुखापेक्षी रहेगा!

विवेक रंजन श्रीवास्तव की कलम से…. तो क्या साहित्य सदा राजसत्ता का मुखापेक्षी रहेगा!             आदर्श स्थिति यही है कि साहित्य को राजनीति से...

भारतीय क्रिकेट: लड़कियों ने लिखा इतिहास, अब मुट्ठी में आसमान

अरुण अर्णव खरे की कलम से…. भारतीय क्रिकेट: लड़कियों ने लिखा इतिहास, अब मुट्ठी में आसमान               भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वह...

असरानी: हास्य अभिनेता के छिपे दर्द को कौन समझा!

स्मरणांजलि विवेक सावरीकर मृदुल की कलम से…. असरानी: हास्य अभिनेता के छिपे दर्द को कौन समझा!             अब असरानी जी के आगे स्वर्गीय लिखना...

उल्लू बनो-बनाओ, लक्ष्मी जी को प्रसन्न करो

विवेक रंजन श्रीवास्तव की कलम से…. उल्लू बनो बनाओ, लक्ष्मी जी को प्रसन्न करो             किशमिश, काजू, बादाम सब महज़ 300 रु. किलो, फ़ेसबुक...

लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई और लास्ज़लो टॉथ से गुज़रते हुए

त्वरित टिप्पणी भवेश दिलशाद की कलम से…. लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई और लास्ज़लो टॉथ से गुज़रते हुए               लास्ज़लो नाम ऐसा नहीं है, जो हमेशा...

भाषा का रोब

आदित्य की कलम से…. भाषा का रोब                इंसानों ने लाखों सालों के जंगली जीवन के दौरान आवाज़ निकालने की अपनी क्षमता का...

ऐसे ईमानदारी के आइकन बने लाल बहादुर शास्त्री​

‘मान’ सहज व रोचक अंदाज़ में उस परिदृश्य को सामने लाती है, जो इस शती के पूर्वार्द्ध तक के समाज की तस्वीर रहा है। अंत में कहानी के पारंपरिक...

“रामराज्य का अर्थ हिन्दू राज्य नहीं”

अतीत की एक याद मधूलिका श्रीवास्तव की कलम से…. “रामराज्य का अर्थ हिन्दू राज्य नहीं”              दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल ...