जब इतिहास ही खो जाये..

मुंशी प्रेमचंद (31.07.1880-08.10.1936) की जयंती के अवसर पर यह वैचारिकी प्रेमचंद के साहित्य का ऐतिहासिक महत्व समझाती है और यह भी कि इस साहित्य को किस तरह संरक्षित किया...