November 14, 2025 आब-ओ-हवा शेरगोई एक दरख़्त के साये में 50 वर्ष पाक्षिक ब्लॉग विजय कुमार स्वर्णकार की कलम से…. एक दरख़्त के साये में 50 वर्ष आधुनिक हिन्दी ग़ज़ल की गंगा के भागीरथ दुष्यंत... Continue Reading
October 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ शाइरी किसी की ख़ुशामद नहीं करती, उंगली उठाती... Continue Reading
September 14, 2025 आब-ओ-हवा काव्य ग़ज़ल तब : महेश अनघ संदर्भ : 14 सितंबर 1947, महेश अनघ की जयंती ग़ज़ल तब : महेश अनघ 1 मुस्कानों का आना जाना पल दो चार रहा एक पुराना छाला दिल पर पहरेदार... Continue Reading