तुम हमसे दो हाथ आगे निकले… क़तरा-क़तरा फ़हमीदा रियाज़

भवेश दिलशाद की कलम से…. तुम हमसे दो हाथ आगे निकले… क़तरा-क़तरा फ़हमीदा रियाज़             फ़हमीदा रियाज़ की याद आती है, तो ‘क़तरा-क़तरा’ उठा...