‘युद्ध और शान्ति’ की नियति

निशांत कौशिक की कलम से…. ‘युद्ध और शान्ति’ की नियति            मार्क ट्वेन ने कहा था, “क्लासिक साहित्य वह है जिसकी लोग प्रशंसा करते फिरें...