हिंदी और उर्दू दोनों का शाहकार उपन्यास

नियमित ब्लॉग डॉ. आज़म की कलम से…. हिंदी और उर्दू दोनों का शाहकार उपन्यास                 ‘गोदान’, मुंशी प्रेमचंद के इस नॉवेल का...

साहित्य में अपने नाख़ून ख़ूबसूरती से तराशें विमर्श

अजित कुमार राय की कलम से…. साहित्य में अपने नाख़ून ख़ूबसूरती से तराशें विमर्श            साहित्य का जातिवादी पाठ तो चौंकाने वाला है। अभी ‘समयान्तर’...