वतन की सांसों से वाबस्ता तहरीरों की शायरी

आशीष दशोत्तर की कलम से…. वतन की सांसों से वाबस्ता तहरीरों की शायरी            यौम-ए-आज़ादी हर दौर में शाइरी का हिस्सा रहा है। हो भी...

आत्मा को झकझोरता ‘नवरंग’ का वो प्रेरक गीत

विवेक सावरीकर मृदुल की कलम से…. आत्मा को झकझोरता ‘नवरंग’ का वो प्रेरक गीत                वर्ष 1959 में प्रदर्शित शांताराम बापू की सदाबहार...

कविता की आज़ादी का पर्व?

राजा अवस्थी की कलम से…. कविता की आज़ादी का पर्व? 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस, आज़ादी का पर्व जब हम मना रहे हैं, तो यह सोचने की बात है, कि...