October 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. ज़ालिम दौर में मासूम शाइरी की आवाज़ शाइरी किसी की ख़ुशामद नहीं करती, उंगली उठाती... Continue Reading
August 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं नयी शायरी : तकनीक के ज़ाविये में ढलने का हुनर पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. नयी शायरी : तकनीक के ज़ाविये में ढलने का हुनर शाइरी के अपने तकाज़े रहे हैं। अपने... Continue Reading
July 30, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं ग़ज़ल: ख़ास और आम के बीच की बात आशीष दशोत्तर की कलम से…. ग़ज़ल: ख़ास और आम के बीच की बात ख़ुदा-ए-सुख़न मीर कहते हैं-शेर मेरे हैं गो ख़वास-पसंदपर मुझे... Continue Reading