August 14, 2025 आब-ओ-हवा तरक़्क़ीपसंद तहरीक की कहकशां आवाज़ दो हम एक हैं संदर्भ: आज़ादी के आंदोलन में तरक़्क़ी-पसंद शायरों का किरदार और उनकी शायरी का योगदान ज़ाहिद ख़ान की कलम से…. आवाज़ दो हम एक हैं ... Continue Reading
August 3, 2025 आब-ओ-हवा काव्य शायरी में यार-दोस्त-अहबाब संकलन : देवदत्त संगेप…. शायरी में यार-दोस्त-अहबाब ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेहकोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होतामिर्ज़ा ग़ालिब ————*———— अगर तुम्हारी अना ही का... Continue Reading