October 15, 2025 आब-ओ-हवा काव्य हिन्दी-उर्दू शायरी में ‘चराग़’ शम्अ, दीया और दीपक शब्द भी शायरी में बख़ूबी बरते जाते रहे हैं लेकिन हमने इस दीवाली के मौक़े पर चुना है लफ़्ज़ ‘चराग़’ या चिराग़। इस लफ़्ज़ को... Continue Reading
September 14, 2025 आब-ओ-हवा ग़ज़ल: लौ और धुआं शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक पाक्षिक ब्लॉग आशीष दशोत्तर की कलम से…. शहर के जिस्म में गांव की मिट्टी की महक शाइरी अब रवायती मौज़ूआत से अलहदा राहों... Continue Reading
September 10, 2025 आब-ओ-हवा काव्य हिन्दी-उर्दू शायरी में ‘आबो-हवा’ ‘आबो-हवा’ का सीधा मतलब जलवायु है और शायरी में यह बाहर और भीतर की कैफ़ियत के हवाले से दर्ज होता रहा है। कहीं-कहीं तो यह प्रतीक भी बन जाता... Continue Reading
August 14, 2025 आब-ओ-हवा तरक़्क़ीपसंद तहरीक की कहकशां आवाज़ दो हम एक हैं संदर्भ: आज़ादी के आंदोलन में तरक़्क़ी-पसंद शायरों का किरदार और उनकी शायरी का योगदान ज़ाहिद ख़ान की कलम से…. आवाज़ दो हम एक हैं ... Continue Reading
August 3, 2025 आब-ओ-हवा काव्य शायरी में यार-दोस्त-अहबाब संकलन : देवदत्त संगेप…. शायरी में यार-दोस्त-अहबाब ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेहकोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होतामिर्ज़ा ग़ालिब ————*———— अगर तुम्हारी अना ही का... Continue Reading