आवाज़ दो हम एक हैं

संदर्भ: आज़ादी के आंदोलन में तरक़्क़ी-पसंद शायरों का किरदार और उनकी शायरी का योगदान ज़ाहिद ख़ान की कलम से…. आवाज़ दो हम एक हैं          ...

शायरी में यार-दोस्त-अहबाब

संकलन : देवदत्त संगेप…. शायरी में यार-दोस्त-अहबाब ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेहकोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होतामिर्ज़ा ग़ालिब ————*———— अगर तुम्हारी अना ही का...